Original Coral Meaning in Hindi | मूंगा क्या काम आता है?
आज इस आर्टिकल में Coral Meaning in Hindi मूंगा के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। मूंगा कोई पत्थर या धातु, नहीं, जलीय जीवों की देन है जो समुद्र की गहराइयों वृक्ष के रुप में विविध रंगों में होता है।
coral called in other languages | Coral meaning in Hindi
Coral ( मूंगा ) को अलग-अलग भाषाओं में किन-किन नामों से जाना जाता है।
संस्कृत : प्रवाल, विद्रुम, लतामणि, अंगारक मणि, रक्तांग, (Coral)
हिन्दी :- मूंगा (Coral),
उर्दू-फारसी :- मिरजान (Coral)
अंग्रेजी : कोरल (Coral)
coral used in jewelry / ornaments | Coral meaning in Hindi
मूंगा (Coral) प्राचीन काल से गहनों में उपयोग होता आया है। प्राचीन रोमन निवासी मूंगा (Coral) को बहुत उपयोग में लाते थे और इसके ताबीज भी बनाते थे।
भारत में भी प्राचीन काल से ही मूंगा (Coral) को एक रत्न माना जाता रहा है। इसकी आकर्षक आभा और रंग के कारण मूंगे को नवरत्नों में सम्मिलित किया गया है, जबकि मूंगा (Coral) कोई मूल्यवान रत्न नहीं है।
मोती (Pearl ) के समान मूंगा (Coral) खनिज तत्व नहीं है। इसकी उत्पत्ति वानस्पतिक से मानी गई है। किन्तु यह मोती के समान सागरों से ही प्राप्त होता है। देखने में इसका रूप बेल की शाखाओं जैसा लगता है। आधुनिक वैज्ञानिकों के अनुसार यह मूंगा (Coral) जलजीव (Coral polipi) चूने की ठठरी के समान (Calcareous Skeleton like) जमाव दिए रहता है और उसका अधिकांश भाग समुद्र से निकले कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate ) का बना होता है।
sea coral meaning in hindi
मूंगे नाम का एक जंतु, जो गूदे या जैली के समान लसलसा होता है, समुद्र में डूबी हुई कुछ चट्टानों में चिपक जाता है। उपयुक्त परिस्थितियों में वह अपने बाहरी और निचले भाग पर कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate ) के कठोर जमाव को एकत्रित कर लेता है। बनावट में लाल मूंगा उन छोटी-छोटी नलियों के समान होता है जो एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं और फिर एक वृक्ष के समान बढ़ती जाती है।
मूंगा (Coral) बनाने वाले जमाव (Deposit) सब समुद्रों में या किसी समुद्र के सब भागों में नहीं पाये जाते। इनके लिए एक निश्चित तापमान की आवश्यकता होती है। मूंगे के जमाव लगभग नौ से नौ सौ फीट की गहराई में पाये गये हैं, परन्तु प्राप्तिस्थान की गहराई जितनी अधिक होती है, उतनी ही मूंगे के रंग की गहराई कम होती है। मूंगा एक जल-जंतु से बनता है, इसलिए जमाव को परिपक्व होने में कई वर्ष लग जाते हैं और जब तक जमाव परिपक्व नहीं हो जाता उसको स्पर्श नहीं किया जाता ।
मूंगा (Coral) जल जंतु जो बिना पत्ती, परन्तु शाखाओं वाला वृक्ष बनाता है वह कभी कभी मनुष्य के शरीर के समान होता है, परन्तु सामान्यतः एक फुट ऊँचा और एक इंच मोटा होता है। इसका अत्यन्त सुन्दर लाल रंग होता है और इसको खूब चमकाया जा सकता है। इसमें शहद के छत्तों जैसे खाने बने होते हैं-इन्हीं खानों में जन्तु रहते हैं।
तने के ऊपर जाली जैसी झिल्ली चढ़ी रहती है। अपने इन घरों में बैठे कीड़ों को सूक्ष्मदर्शक यन्त्र से देखने पर पता लगता है कि इनके मुंह पर नुकीली मूंछे होती हैं। इनमें स्पर्श शक्ति अत्यन्त प्रबल होती है। इसके द्वारा ही ये अपना भोजन प्राप्त करते हैं। इनका भोजन छोटे-छोटे समुद्री कीड़े या वनस्पतियों के छोटे-छोटे कण होते हैं।
मूंगा (Coral) समुद्र में डूबी चट्टानों पर अपना लतानुमा ढाँचा बनाते हैं। जो मूंगा (Coral) के रहने का घर होता है। मोती बनाने वाला घोंघा अपने घर के भीतर मोती बनाता है, परन्तु मूंगे का जमाव तो एक प्रकार से स्वयं कीड़े का घर होता है।
लिगो नाइस (Lego Nais) नामक एक व्यक्ति ने सन् 1502 में मूंगे का वर्णन करते हुए बताया है कि मूंगा समुद्र में पेड़ की तरह बढ़ता है। उसमें पत्तियाँ नहीं होतीं। उसके अनुसार आकार में यह दो फुट से बड़ा नहीं होता ।
आभूषणों में जिस किस्म का मूंगा उपयोग में आता है? (Which type of coral is used in jewellery?)
उसे ‘कोरेलियम रुबरुम’ (Corallium Rubrum) कहते हैं। मूंगे कई रंग के होते हैं, परन्तु विभिन्न लाल रंगों की प्रधानता होती है। लाल रंग के मुंगे पाये भी अधिक जाते हैं, यद्यपि सफेद और पीले रंग के मूंगे भी मिलते हैं। अधिकतर गुलाबी, लाल और गहरे लाल रंग के मूगों की मांग अधिक है।
मूंगे को प्रायः उसका रूप सुधारने के लिए रंगा भी जाता है, परन्तु ये रंग टिकाऊ नहीं होते। यों तो मूंगे में प्राकृतिक रंग कैसे आते हैं, इसको निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता, परन्तु अनुमान यह है कि उनको कैल्शियम और मैगनीशियम कार्बोनेट तथा आइरन ऑक्साइड के मिश्रण से रंग प्राप्त होता है।
Coral Receiving Place | Coral meaning in Hindi
प्राप्ति स्थान भूमध्य सागर के समुद्री तट पर मूंगे के जंतु पाये जाने के प्रमुख स्थान हैं। एल्जीरिया, ट्यूनीसिया, कारसिका, सारडीनिया और सिसली के समुद्री तटों से मूंगा प्राप्त होता है। जापानी द्वीपों के समुद्री तटों पर भी मूंगे के जमाव पाये जाते हैं, परन्तु मूंगे को निकालने का काम अधिकतर इटली के निवासी ही करते हैं और उनको रत्न का रूप नेपल्स नगर में दिया जाता है।
अधिकतर मूंगा बैल के खून के रंग (Ox-blood Colour) का होता है जिसे ‘मोरो कोरल’ भी कहते हैं। एड्रियाटिक सागर तट से भी कुछ मूंगे प्राप्त होते रहे हैं । स्पेन के समुद्र तट से भी मूंगा प्राप्त होता है जो गहरे लाल रंग का होता है। पहले जमाने में फ्रांसीसी, स्पेन निवासी और अंग्रेज भी मूगों को समुद्री तटों से निकाला करते थे और मारसेल में उस समय इस उद्योग का क्षेत्र था, परन्तु अब इस उद्योग का प्रधान क्षेत्र नेपल्स ही है, जहाँ सहस्रों व्यक्ति इस काम में संलग्न रहते हैं।
भौतिक गुण (Physical Characteristic) | Coral meaning in Hindi
मूंगे अर्धपारदर्शक भी होते हैं, परन्तु अधिकतर अपारदर्शक ही होते हैं। मूंगा श्वेत, गुलाबी, नारंगी, लाल, काले रंगों में मिलता है।काला मूंगा शेष रंगों के मूंगों से इस बात में भिन्न होता है कि वह अधिकतर कैल्शियम कार्बोनेट का बना नहीं होता, बल्कि सींग सरीखे पदार्थ का बना होता है। चूनेदार मूंगे के गुण कैलसाइट (चूर्णाश्म) जैसे ही होते हैं । मूंगे का एक विशेष लक्षण यह है कि समुद्र में जिस चट्टान पर लगा होता है उसकी सतह पर यह सदा लम्बे रूप में खड़ा होता है।
इसके तंतु प्रत्येक शाखा के केन्द्र से उसकी लम्बाई से लम्ब रूप में सतह पर फैले होते हैं। सूक्ष्मदर्शक यन्त्र से देखने पर प्रत्येक शाखा अपनी लम्बाई के समानान्तर एक धारी सरीखी दिखायी देती है। मूंगा टूटने के स्थान पर निस्तेज दिखाई देता है। मूंगे का आपेक्षिक गुरुत्व 2.65 होता है । कठोरता 3.5 से 4 तक की होती है। इसके वर्तनांक 1.486 तथा 1.658 हैं
इस प्रकार दुहरावतक अधिक होता है। काले मूंगे के वर्तनांक 1.56 तथा 1.57 हैं और दुहरावर्तन लगभग 01 है: इसका आपेक्षिक घनत्व 1.37 तथा कठोरता 3 है । मूंगे पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालने से झाग उठते हैं । काले मूंगे पर इसका प्रभाव नहीं होता । काले मूंगे को यदि तपायी हुई तार से छुआ जाये तो उससे ऐसी दुर्गन्ध आती है जैसी कि बाल जलने से आती है ।
श्रेष्ठ मूंगा (Best coral) सात प्रकार की विशेषताओं वाला मूंगा आयुर्वेद के अनुसार शुभ माना जाता है:- (1) पके हुए बिम्ब फल के समान, (2) गोल, (3) लम्बा, (4) सीधा, (5) चिकना, (6) खाँचा या गढ़ा या उभार आदि व्रण रहित, (7) मोटा । इसका रंग सिन्दूर, हिंगुल अथवा सिंगरफ से मिलता-जुलता होता है ।
श्वेत रंग का मूंगा भी सुन्दर और आभायुक्त होता है। श्वेत रंग के मूंगे को बंगाल में बहुत पसन्द किया जाता है। वास्तविक बात यही है कि अन्य रत्नों से इतना असमान होते हुए भी इसका आकर्षण इसके सुन्वर रंग की बदौलत है। इसी कारण यह नव रत्नों में से एक है।
मूंगे के दोष (Coral Defects) :- धब्बा, सफेद छींटा, बींध, चीर, दुरंग और गड्ढा ।
नकली मूंगा (Fake Coral) coral meaning in hindi
नकली मूंगा (Fake Coral) :- नकली मूंगा असली मूंगे से भारी होती है। इसको यन्त्र (liye Glass) से देखने पर बारीक मोटे-मोटे रवे स्पष्ट मालूम होते हैं जो ढले हुए काँच के समान होते हैं। नकली मूंगे को घिसने से शीशे के समान स्पष्ट आवाज आती है।
ऐतिहासिक मूंगे (Historical Coral) | Coral meaning in Hindi
ऐतिहासिक मूंगे (Historical Coral) :- मूंगों पर सुन्दर नक्काशी का चलन अब नहीं रहा है, परन्तु प्राचीन काल के कुछ नक्काशी मूंगे अब भी मौजूद हैं। बर्लिन (Berlin) में सन् 1880 में लगी एक प्रदर्शनी में एक मूंगे का हार 6000 पाउण्ड का प्रदर्शित किया गया था। इटली (Italy) के शाही परिवार के पास एक नक्काशी काम की मूठ थी जिसका मूल्य 360 पाउण्ड था।
आभूषणों में मूंगों का उपयोग (Use of Coral in jewelery) | Coral meaning in Hindi
आभूषणों में मूंगों का उपयोग (Use of Coral in jewelery) :- मूंगा अंगूठियों में, इयररिंग तथा नेकलेस में उपयोग होता है। पूजा करने के लिये भी मूंगों की माला का चलन है, परन्तु अब इनका दाम बढ़ जाने से इसका प्रचलन कम हो गया है। छोटे-छोटे मूगों के दानों को उसी आकार के मोतियों के दानों के साथ बनी हुई मालाओं के पहनने का बहुत चलन है।
Types of Coral | Coral meaning in Hindi
मूंगा (Coral)– मूंगा या प्रवाल चार प्रकार का होता है।
ब्राह्मण प्रवाल :- यह खरगोश के रक्त के रंग के समान लाल, कोमल, स्निग्ध होता है और उसमें सरलता से छेद किया जा सकता है।
क्षत्रिय प्रवाल :- गुड़हल के फूल के समान या सिन्दूर के रंग के समान होता है। यह स्निग्ध तो होता ही है, परन्तु कठोर भी होता है।
वैश्य प्रवाल :- यह पलाश के फूल के समान पीला-लाल या गुलाब के फूल के समान गहरे रंग का होता है और स्निग्ध होता है। उसकी कान्ति क्षीण होती है।
शूद्र प्रवाल :- वह होता है जो लाल-कमल के दल के रंग का, कठोर और स्थायी रूप में कान्ति रहित होता है। उसमें सरलता से छिद्र नहीं किया जा सकता।
मूंगा धारण करने की विधि, मंत्र, फायदे | Coral meaning in Hindi
मूंगा धारण करने वाले का साहस बढ़ता है और उसके शत्रुओं का नाश होता है। स्त्रियों को मूंगा सौभाग्य प्रदान करता है। ऐसा विश्वास है कि असली मूंगा अपने रंग को बदलकर स्वास्थ्य के बिगड़ने की चेतावनी देता है। इसको धारण करने से यदि भयानक स्वप्न आते हों तो बन्द हो जाते हैं। भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है।
मूंगा मंगल का रत्न है। | Coral meaning in Hindi
मूंगा धारण विधि :- मूंगा सोने की अंगूठी में जड़ा जाना चाहिए। मूंगे का वजन 6 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। मूंगा यदि मंगलवार के दिन खरीदा जाये और अंगूठी में जड़वाया जाये तो अच्छा होगा। मूंगे की अंगूठी को विधिपूर्वक उपासनादि तथा 10000 बार निम्नलिखित मन्त्र का जाप करने के पश्चात् किसी शुक्ल पक्ष के मंगल वार को सूर्योदय से एक घण्टे पश्चात् धारण करना चाहिए। अंगूठी दाहिने या बायें हाथ की अनामिका अँगुली (Ring finger) में धारण करनी चाहिए ।
मूंगा धारण करने का मंत्र | Coral meaning in Hindi
मूंगा धारण करने का मंत्र :- मंत्र- ॐ अं अंगाकारय नमः
मूंगा एक अल्पमोली रत्न है और जानकारों राय तो यही है कि जिनके लिए शुभ हो उन्हें मूंगा ही धारण करना उचित होगा। परन्तु यदि कोई उसके बदले का रत्न धारण करना चाहे तो वे हैं संगमूंगी, तामड़ा (लाल), लाल जैस्पर और अम्बर (कहरुवा) ।
परन्तु सावधान ! मूंगे के साथ पन्ना, हीरा, नीलम, गोमेद और वैदूर्य कभी नहीं धारण करना चाहिए।
मूंगा किसे धारण करना चाहिए ? | Coral meaning in Hind
मूंगा मंगल का रत्न है। जिस कुण्डली में मंगल शुभ भाव का स्वामी हो उसके जातक को मूंगा धारण करना लाभप्रद होगा। यदि मंगल अशुभ भावों का स्वामी हो तो उसके जातक को मूंगा धारण नहीं करना चाहिए।
मूंगा के औषधीय गुण | Coral meaning in Hindi
मूंगे की शाखा को केवड़ा या गुलाब जल में घिसकर गर्भवती के पेट पर लेप लगाने से गिरता हुआ गर्भ रुक जाता है।
मूंगे को गुलाब जल में बारीक पीसकर छाया में सुखाकर शहद के साथ सेवन करने से शरीर पुष्ट हो जाता है। पान के साथ खाने से कफ और खांसी में लाभ होता है।
मूंगे की भस्म कफ और पित्त जनित रोगों को दूर करती है। कुष्ठ, खाँसी, अग्नि मान्द्य, ज्वर और पांडु रोग की यह उत्कृष्ट औषधि है।
Note :- यह लेख (आर्टिकल) सिर्फ Coral meaning in Hind जानकारी के लिए पोस्ट किया गया है अगर किसी को मूंगे का उपयोग करना है चाहे वह चाहे वह धारण करने के लिए या जेवरात बनाने के लिए या औषधि के लिए तो किसी योग्य जानकार से सलाह मशवरा करके ही मूंगा का उपयोग करें।
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